वीडियो जानकारी:<br /><br />संवाद<br />१ अक्टूबर २०१३<br />एच.आई.ई.टी., गाज़ियाबाद<br /><br />प्रसंग:<br />हमें नए से इतना दर क्यों लगता है?<br />क्या नयापन हमारे जीवन का एक अटूट हिस्सा है?<br />क्या पुराने में जिया जा सकता है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते